mobile addiction

No mobile no life.... कुछ ऐसा ही लगता है आज कल. क्या बड़े क्या छोटे सभी इसकी चपेट मे हैं. Me too....😂😂. हम mobile लेते तो काम के लिए हैं but उसकी आदत बना लेते हैं. और ऐसी आदत जैसी सुबह चाय की आदत......हमारे हाथ मे तो mobile तब आया जब हमारा बचपन गुजर चुका था but आज तो यह छोटे छोटे बच्चों का बचपन चुरा रहा है और इस चोरी मे कहीं ना कहीं हम बड़े शामिल हैं. ना तो आज हम बच्चों के साथ खेलते, ना ही उनको कोई कहानी सुनाते और ना उनसे घंटो बात करते... उस पर से आज के घरो मे ले दे कर चार लोग.... पहले तो दादा दादी, चाचा चाची, ताऊ ताई सब साथ मे रहते थे.. खेलने कूदने बात करने के लिए बड़ा आसमान था.... But आज सब सिमट गया है..... उसी मे सिमट गया बचपन.... Finger tips and mobile.... जो उनकी सोच, शरीर और उन उंगलियों को बर्बाद कर रहा है जो शायद बहुत क्रिएटिव हो सकती है...  चलिए इसका समाधान निकाले..... 
1. खुद mobile का use कम करे 
2. Stop online shopping baccho k sath Market जाए 
3. Spend 1-2 hrs in outdoor games with your kids.
4. रोज कम से कम एक कहानी उनको सुनाए
5. साथ मे कुकिंग करे 
6. साथ मे कोई क्रिएटिव class join करे 

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