Timing and Control in Computer Architecture

एक basic computer मे सभी registers की timing को master clock generator कंट्रोल करता है। system और control unit मे उपलब्ध सभी flip-flops और registers मे clock pulses को apply किया जाता है। clock pulse किसी register की state को तब तक change नहीं करती जब तक की register किसी कंट्रोल signal के द्वारा enable नहीं होता है। control signals, control unit मे generate होते हैं। कंट्रोल signals multiplexers और  processor registers को  control inputs provide करते हैं और accumulator को microoperations provide करते हैं। 
control organization के दो टाइप होते हैं, पहला hardwired control और दूसरा microprogrammed controlHarwdwired control मे control लॉजिक gates, flip-flops , decoders और दूसरे digital circuits से implement किया जाता है, जबकि microprogrammed control मे control information को control memory मे save किया जाता है, control memory की prograaming से microoperations के sequence को initaiate किया जाता है। Hardwired कंट्रोल मे यदि कंट्रोल लॉजिक मे कोई change करना हो तो componants के बीच की wiring को change करना होता है, जबकि microprogrammed control मे logic change करने के लिए program मे change करना होता है। 
यहाँ हम Hardwired कंट्रोल को detail मे समझते हैं, तो देखते हैं control unit के block diagram को :- 

block diagram of control unit
block diagram of control unit of basic computer 

harwired control मे control unit के लिए gates, flip-flops, decoder और counter का use किया गया है। जो instruction memory से read किया जाता है वो instruction register मे place किया जाता है । instruction register 16-bit का register 
होता है , जिसमे 0-11 bits address के लिए रहती हैं, जो की control logic gate मे directly input की तरह जाती हैं। bits 12-14, opcode के लिए होती हैं, जो एक 3*8 decoder मे input की तरह जाती हैं, इस decoder से 8 output generate होते हैं , जिनको D0,D1,D2 .... D7 से represent किया जाता है, decoder का यह output control logic gate मे input की तरह जाता है। bit 15 एक flip-flop  I मे जाते हैं , जिसके through ये bit control logic gate मे जाती है। यह I bit addressing को बताती है की direct या indirect addressing use की जानी है। 
यहाँ पर 4-bit sequence counter भी है , जो की 0 से 15 तक काउंट करने का काम करता है। इस sequence counter का output एक decoder की मदद से 15 timing signals मे decode किए जाते हैं , ये timing signals T0 से T15 तक होते हैं । 
sequence counter SC या तो increment होता है या फिर clear होता है। ज़्यादातर SC increment ही होता है और 4*16 decoder से timing signals provide करने का काम करता है। कभी कभी sequence counter clear होता है , जिससे next timing signal T0 हो जाता है। यहाँ एक example लेकर चलते हैं , SC को timing signal T0 से T4 तक increment किया जाता है। Timing signal T4 पर SC clear हो जाता है यदि Decoder output D3 एक्टिव हो तो। इस example को symbolically इस तरह से एक्सप्रेस करते हैं- 

control signals के relations को देखने के लिए timimg diagram को देखते हैं । 
timing diagram of control signals
control timeing signal 

इस timing diagram को अच्छे से समझने के लिए यह video पूरा देखें -


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