applet programming क्या होती है ?
Applet programming :-
आपने जावा मे अभी तक जितने भी programs बनाए हैं वो सब applicaltion programs होते हैं। Applet programs छोटे छोटे जावा प्रोग्राम्स होते हैं जो की प्राथमिक तौर पर इंटरनेट programming के लिए use किए जाते हैं। एप्लेट को रन करने के लिए appletviewer टूल या किसी जावा enebled वेब browser की जरूरत होती है। एप्लेट की मदद से हम ऐसे वेब pages क्रिएट कर सकते हैं, जिनमे sound , graphics और मुविंग images होती हैं।
Types of एप्लेट:
Basically applet दो तरह का होते हैं । लोकल एप्लेट और रिमोट एप्लेट । लोकल एप्लेट वो एप्लेट होते हैं जो आप अपनी लोकल मशीन पर क्रिएट करके उनको रन करते हैं, जबकि रिमोट एप्लेट का मतलब वो एप्लेट जो या तो किसी और मशीन पर बने हैं और उन्हे आप अपनी मशीन पर रन कर रहे हैं, या फिर आपके एप्लेट किसी और मशीन पर रन हो रहे हैं ।
Difference between applet and application programs :
1. Applets embedded प्रोग्राम्स होते हैं, किसी वेब page पर embed होते हैं, जबकि application programs stand alone प्रोग्राम्स होते हैं।
2. Applet किसी वेब browser पर रन होते हैं, जबकि application programs स्वतंत्र रूप से रन किए जा सकते हैं।
3. Applet मे main मेथड नहीं होती जबकि कोई भी application program बिना main मेथड के नहीं बनाया जाता ।
4. Applet को रन करने के लिए appletviewer की जरूरत होती है, जबकि application program को रन करने के लिए interpreter की जरूरत होती है।
Need of Applet :
1. जब आपको अपने वेब page मे कुछ dynamic content डालना होता है ।
2. जब आपको अपने web page पर flash या highlighted आउटपुट दिखाना होता है।
3. जब हमको अपने प्रोग्राम को इंटरनेट पर किसी और को उसे करने के लिए देना होता है।
Steps for developing Applet:
1. सबसे पहले आप जावा फ़ाइल क्रिएट कीजिये जिस तरह से हम एप्लिकेशन प्रोग्राम मे करते हैं, बस इसमे main फंकशन नहीं होता है।
2. अब इस जावा फ़ाइल या source code को javac टूल की मदद से compile कीजिये । अब एक .class फ़ाइल क्रिएट हो जाएगी।
3. अब एक web page क्रिएट कीजिये, जिसमे html tags और एप्लेट tag को एम्बेड कीजिये ।
4. अब आप अपने applet को टेस्ट कर सकते हैं, इसके लिए आप एप्लेट program को appletviewer टूल की मदद से रन कीजिये ।
अगर आप एप्लेट को netbean या किसी अन्य IDE पर रन करते हैं तो आपको अलग से वेब page क्रिएट करने की कोई जरूरत नहीं होती है।
इसको डीटेल मे समझने के लिए इस विडियो को देखिये -
Applet life cycle:applet लाइफ साइकल मे वो सारी states होती हैं, जिनमे कोई भी एप्लेट रहता है, और उन states के बीच transition कैसे होता है। तो जब भी कोई applet बनाया जाता है ,तो उसकी निम्न लिखित states हो सकती हैं -
1. born or initialized state
2. running state
3. idle state
4. dead or destroyed state
No comments